प्रिय दर्शकों जन्मकुंडली में पूर्ण एवं सही फलादेश करने के लिए ग्रहों की मित्रता-शत्रुता जानने की अत्यंत आवश्यकता है | कौन से ग्रह किसके मित्र है? किसके शत्रु? और किस ग्रह के साथ सम है अगर ये पता हो तो फल कथन सत्य होगा | ग्रहों की तीन प्रकार की मैत्री होती है नैसर्गिक, तात्कालिक और पंचधा | नैसर्गिक और तात्कालिक मैत्री को मिलाकर ही पंचधा मैत्री का निर्माण होता है | आज के कार्यक्रम में मैंने ग्रहों की नैसर्गिक मैत्री और तात्कालिक मैत्री के बारे में बताई है कल बात पंचधा मैत्री की होगी |
PT.NARMDESHWAR SHASTRI
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