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11th 12th NCERT/CBSE Economics Chapter 3 | | उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण | | भारत में आर्थिक सुधार

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Published 21 May 2020

Part 2 /watch/cdPWG7AMcSYMW Statistics MCQ /playlist/PL2OP0yxyFAyvC7rd7f_ay-yNNCCGx7axN समष्टि अर्थशास्त्र /playlist/PL2OP0yxyFAytOYGxQFdIbcJjwrn96VbNs व्यष्टि अर्थशास्त्र /playlist/PL2OP0yxyFAyuyZj2Qc3NsxZ-vfzAbB2Zz अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र /playlist/PL2OP0yxyFAyuQiVOwArPduq__ENy-EDqL आर्थिक विकास एवं वृद्धि /playlist/PL2OP0yxyFAyu5FVOc27oqw_SKGQFcYXpG पब्लिक फाइनेंस लोक वित्त /playlist/PL2OP0yxyFAyvpaVsgTiVSloRQNotQs_wq मुद्रा एवं बैंकिंग /playlist/PL2OP0yxyFAytP2zTdrZFX6BhNKa_pPhzA संख्यिकी /playlist/PL2OP0yxyFAyugypq_iqeJFSoblARZGi5Y 12वीं अर्थशास्त्र व्यष्टि एवं समष्टि /playlist/PL2OP0yxyFAyv0vBCLqli6_z4SzqOCZ7ed RPSC Assistant Professor (Paper 3) /playlist/PL2OP0yxyFAysUIkVmxQt6W7SaTPumhYfz UGC NET JRF /playlist/PL2OP0yxyFAytwnmZgUnSckS8dg2b_aZwi 11th & 12 Economics (English medium) /playlist/PL2OP0yxyFAyuXCvqEX4rq1b73QyhUXvw6 भारतीय अर्थव्यवस्था /playlist/PL2OP0yxyFAysiDTaUcjWFG6FTsIel3zQ2 Class 11th Statistics /playlist/PL2OP0yxyFAyuNk2_zY5GeYdoz83E_4X1S उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा एनसीईआरटी सीबीएसई क्लास 12थ इकोनॉमिक्स अर्थशास्त्र भारत का आर्थिक विकास लेसन 3 1991 भारत में आर्थिक सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था एलपीजी नीति Class 12th Economics NCERT CBSE liberalisation privatisation and globalisation Indian economic development class 12th Economics lesson 3 Class 12th NCERT lesson 3 Indian economic development debilitation privatization and globalisation in Hindi medium Class 12th NCERT economics Hindi medium students Economic Reforms 1991 Indian Economy NCERT syllabus in Hindi भारतीय अर्थव्यवस्था Lesson 3 (Part - 1 /5) उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक मूल्यांकन परिचय • वर्ष 1991 भारत विदेशी ऋण के भुगतान की स्थिति में नहीं था • विदेशी ऋण से संबंधित आर्थिक संकट - सरकार विदेशी ऋणों के पुनर्भुगतान करने में सक्षम नहीं थी, विदेशी मुद्रा रिजर्व (मुद्रा भंडार) एक स्तर पर गिरा दिया गया था जो कि 15 दिनों तक की आवश्यक आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं था । पृष्ठभूमि : भारत में आर्थिक सुधारों की आवश्यकता भारत में आर्थिक सुधार क्यों प्रारंभ किए गए ? वित्तीय संकट का वास्तविक कारण • 1980 के दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था का अकुशल प्रबंधन 1980 के दशक के अंत तक – आर्थिक संकट में चिंताजनक निम्न कारणों से भारत में आर्थिक सुधार प्रारंभ किए गए • उच्च राजकोषीय घाटा • मुद्रास्फीति : आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि • भुगतान संतुलन में घाटा : आयातों में तेजी से वृद्धि • सार्वजनिक क्षेत्र की असफलता • विदेशी मुद्रा भंडार में निरंतर कमी ऋण प्राप्ति की शर्तें • भारत को निजी क्षेत्र पर प्रतिबंध हटाकर • सरकार की भूमिका को कम करना • व्यापार प्रतिबंध हटाकर अर्थव्यवस्था को उदार बनाना भारत ने NEP (नई आर्थिक नीति) की घोषणा की प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव , वित्त मंत्री : डॉ मनमोहन सिंह स्थिरीकरण उपाय: अल्पकालीन अवधि संरचनात्मक सुधार नीतियां : दीर्घकालीन उपाय

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